लेखनी प्रतियोगिता -13-Jun-2022 - तुम्हारे लिए
गुनगुनाती रही तुम्हारे लिए,
मुस्कुराती रही तुम्हारे लिए।
श्रृंगार मन मोहे जो पिया,
संवरती रही तुम्हारे लिए।
दिखा रहा आईना उम्र को,
झुठलाती रही तुम्हारे लिए।
बगिया भी दे रही है सदा,
शरमाती मैं रही तुम्हारे लिए।
नींद भी आ गई देखो आगोश में,
ख्वाब सजाती मैं रही तुम्हारे लिए।
लाए गजरा गुलाबों का तो पिया,
अलकें खुली रही मेरी तुम्हारे लिए।
आंखों में शिखा मस्ती इस कदर,
पलकें मेरी झुकती रही तुम्हारे लिए।।
#दैनिक प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Seema Priyadarshini sahay
15-Jun-2022 06:53 PM
बेहतरीन
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नंदिता राय
14-Jun-2022 06:23 PM
शानदार
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Punam verma
14-Jun-2022 01:11 PM
Nice
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